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स्त्री-पुरुष सम्बन्धों का रोमांचकारी इतिहास

मन्मथनाथ गुप्त

प्रकाशक : वाणी प्रकाशन प्रकाशित वर्ष : 2008
पृष्ठ :355
मुखपृष्ठ : सजिल्द
पुस्तक क्रमांक : 6661
आईएसबीएन :81-8143-305-X

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स्त्री-पुरुषों के संबंध में रोचक और तर्कपूर्ण विवेचना...

Stri-Purush Sambandho Ka Romanchkari Itihas - An Hindi Book by Manmathnath Gupt

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

 

मैंने इस पुस्तक को जहाँ तक बन पड़ा, कालक्रमिक रखा है। उस दृष्टि से इसमें ‘पूँजीवादी युग में नारी यह अध्याय होना चाहिए था, पर ‘वेश्यावृत्ति का इतिहास’ और ‘आगामी समाज की एक झलक’ नामक अध्यायों में पूँजीवादी युग की स्त्रियों का ब्यौरा आ गया है। हमने यह भी संकेत दिया है कि यों तो वर्तमान युग में स्त्रियां सर्वत्र शोषित हैं, पर जिन स्त्रियों के हाथों में बहुत धन आ गया है, वे भी पुरुषों का निर्मम यौन शोषण करती हैं। इससे प्रमाणित होता है कि न पुरुष शोषक है न नारी, असली शोषक तो धन है। इस कारण कुछ हाथों में धन का जमा हो जाना समाज के लिए खतरनाक है।

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